थानों में शांति समिति की बैठके महज खानापूर्ति तक ही सीमित होकर रह गई

चांडिल : पिछले दिनों मुहर्रम पर्व को लेकर थानों में शांति समिति की बैठक सम्पन्न हुई। जबकि समाजसेवी, कई जनप्रतिनिधि, समाज के प्रबुद्ध लोगों का मानना है कि आजकल शांति समिति की बैठके महज खानापूर्ति तक ही सीमित होकर रह गई है। बता दे कि नियमानुसार शांति समिति के बैठक के पूर्व जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, प्रबुद्ध लोग एंव शांति समिति के सभी सदस्यों को लिखित सूचना दिया जाना है साथ ही प्रेस को खबर दी जाती है कि इस तिथि को इस संबंध में थाने में शांतिसमिति की बैठक होनी है। जबकि आजकल चंद करीबियों एंव कुछ गिनेचुने लोगो को साथ लेकर बैठक सम्पन्न करा कर कागजी कार्यवाही पूरी कर ली जाती है। जिसका ताज़ा उदाहरण है विगत दिनों मुहर्रम पर्व को लेकर चांडिल थाने में संपन्न हुए शांति समिति की बैठक का जिसमे सिर्फ मुहर्रम से संबंधित लोग एंव कुछ गिने चुने लोगो को बुलाकर आननफानन में शांतिसमिति की बैठक को संपन्न कर लिया गया। जबकि समाजसेवी एंव जनप्रतिनिधि तो दूर शांतिसमिति के कई सदस्यों तक को उक्त बैठक की सूचना तक नही दी गई। उन्ही सदस्यों में से एक ने बताया कि पहले उन्हें हर बैठक में बुलाया जाता रहा है ओर उस वक्त सैकड़ो लोग शांतिसमिति की बैठकों में सम्मलित होते थे मगर विगत कुछ बैठक की उन्हें सूचना नही दी जा रही एंव आजकल समाचार के माध्यमों से देखने को मिल रहा कि बैठक में कुछेक गिनेचुने लोग ही पुहंच रहे है। अब देखना यह है कि आखिर, क्या ऐसे ही पुलिस पब्लिक रिलेशनशिप के आपसी संबंधो को सुधारने में सफल हो पायेंगे।

रिपोर्टर : भास्कर मिश्रा, चांडिल।
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