सरायकेला : चांडिल थाना क्षेत्र अंतर्गत कपाली के गौरी मौजा स्थित तकरीबन चार एकड़ इक्यावन डिसमिल आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जा के विरोध में शुक्रवार को भारतीय आदिवासी भूमिज समाज का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष जयसिंह भूमिज के नेतृत्व में उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपा. मौके पर समाज के प्रदेश सचिव मैयालाल सरदार एवं जिलाध्यक्ष सोनू सरदार भी मौजूद थे. ज्ञापन के द्वारा उपायुक्त को अवगत कराया गया कि गौरी मौजा के तीन अलग-अलग खाता संख्या में दर्ज प्लॉटों के मूल रैयत स्थानीय निवासी मोहन सिंह एवं मंगल सरदारिन हैं और उनके नाम पर खतियान भी मौजूद है. सिर्फ यही नहीं, मूल रैयत लंबे समय से उक्त जमीन पर कृषि कार्य करते आ रहे हैं. किंतु विते दिनों समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि बिष्टुपुर और आदित्यपुर के रहने वाले क्रमशः अतुल टंक और विजय राणा बिक्री नामा के माध्यम से अवैध रूप से उक्त जमीन पर अपना दावा कर रहे हैं. दूसरी तरफ हाल ही में कुछ स्थानीय समाचार पत्रों में छपी खबर से भी उन्हें ज्ञात हुआ कि उक्त जमीन के संदर्भ में खुद को अतुल टंक विक्रेता एवं विजय राणा क्रेता दर्शाकर उक्त आदिवासी जमीन पर अपना दावा करते हुए स्थानीय थाना प्रभारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में अनुमंडलाधिकारी के आदेशानुसार कागजात दिखाते हुए ज़मीन पर जबरन निर्माण कार्य करने का प्रयास किया जा रहा था. जिसका मूल रैयत और स्थानीय लोगों ने विरोध किया था, जिसके बाद से निर्माण कार्य स्थगित है. मौके पर समाज के प्रदेश अध्यक्ष जयसिंह भूमिज ने कहा कि स्पष्ट रूप से उपरोक्त ज़मीन के वास्तविक रैयतदार मोहन सिंह एवं मंगल सरदारिन हैं. किंतु भूमाफियाओं द्वारा लगातार चांडिल प्रखण्ड क्षेत्र में आदिवासियों की जमीन हड़पने की कोशिश की जा रही है लेकिन समाज ऐसा नहीं होने देगा और हर स्तर पर विरोध करेगा। वही जिलाध्यक्ष सोनू सरदार ने कहा कि जमीन का म्यूटेशन ग़लत तरीके से हुआ है। आदिवासियों की जमीन का म्यूटेशन किसी गैर आदिवासी के नाम होना घोर अनियमितता को दर्शाता है। यह सीधे तौर पर सीएनटी एक्ट का खुला उल्लंघन है। ऐसा प्रतीत होता है कि आदिवासियों की जमीन हड़पने में भूमाफियाओं के इरादों के साथ स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की भी मिलीभगत है। यह बहुत ही गंभीर विषय है और इसकी संपूर्ण न्यायिक जांच होनी चाहिए। एंव वेसे भूमाफियाओं की गिरफ्तारी होनी चाहिए।
पूरा मामला जानने व ज्ञापन मिलने के बाद उपायुक्त अरवा राजकमल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त कराते हुए कहा कि जल्द ही उक्त मामले पर ठोस कदम उठाकर मामले की जांच की जाएगी।
इधर उपायुक्त से मिलकर लौटते समय पत्रकरो से प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर जल्द जांच/कार्यवाही शुरू नही होती एंव ज़मीन मूल रैयतों को नहीं सौंपी गई तो समाज विध्वंसक आंदोलन करने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि आवेदन की प्रतिलिपि माननीय मुख्यमंत्री को भी दी जा रही है। प्रतिनिधिमंडल में राजू सरदार, अजीत सिंह, दशरथ सिंह,भक्तरंजन सिंह आदि समेत उक्त जमीन के तमाम अंशीदार एवं समाज के लोग उपस्थित थे।
चांडिल से भास्कर मिश्रा की रिपोर्ट।

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