मूलभूत समस्याओं से इतर राजनीतिक कार्यकर्ता उतरे सड़को पर, कोरोना व लॉकडाउन से परेशान व्यवसायों से बाजार बंद करने की करी अपील

 

बाजार बंद को सफल बनाने के लिए सड़को पर उतरे JMM कार्यकर्ता

विकास, रोजगार और भ्रष्टाचार के खिलाफ झारखंड में आई सरकार ही अब विकास में बाधक बनते जा रही है। उक्त बातें एक व्यवसाई ने अपना नाम नही बताते हुए बताया कि जब सरकार में रहते हुए वह ओर उसकी सहयोगी पार्टी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बन्द कराने सड़को पर उतरने लगे तो सवाल उठना लाजमी हो जाता है। वह भी तब जब पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण ऐसे ही हर व्यक्ति परेशान है। वही लॉकडाउन के कारण व्यवसाय की तो कमर टूट सी गई है। इसपर से सरकार में रहते बाजार बन्दी कराने पार्टी के कार्यकर्ता सड़को पर उतर रहे।

वही दूसरी तरफ क्षेत्र में ब्याप्त मूल समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता रहा। आज दो वर्ष होने को आये मगर बिजली, पानी, सड़क, नाली की समस्या के लिए कोई सड़को पर नही उतर रहे। जिससे आमजीवन अस्तव्यस्त है।

उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है सरकार अपनी वादों को पूरा नही कर पाने और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए ही आमजन का ध्यान भटकाने ओर अन्य मुद्दों को हवा दे रही हैं। नही तो सरकार अगर सही में किसान के हितैसी हैं तो आज यहाँ इंचागढ़ क्षेत्र में किसानों को कोल्ड स्टोरेज की मांग लम्बे समय से पूरी नही हुई। वही मंडी ओर सरकारी धान क्रय केंद्र की मनमानी जग जाहिर है फिर उसके लिए कभी आंदोलन नही हुए। आज यही कारण है कि बंदी को सफल कराने को सड़कों पर उतरे लोगो मे एक भी किसान नही दिख रहे बल्कि राजनीति कार्यकर्ता ही दिखाई दिए।

वही बाजार में आवाज उठने लगी है कि सरकार में रहते पार्टी दो वर्षों में दो बार बाजार बंद करवाने सड़को पर उतर चुकी है।बहरहाल आज की बंदी का कितना असर बाजार सहित पूरे झारखंड में होगा एंव इसका क्या राजनीतिक परिणाम होंगे वह तो वक्त ही बताएगा।

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