इस दौरान अभिषेक झा ने कहा कि विश्वविद्यालय के किसी भी छात्र छात्राओं के साथ इस तरह का व्यवहार आजसू कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती। वही केंद्र एवं राज्य सरकार ने भी स्कूलों एंव कॉलेज में छात्र छात्राओं पर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने को अपराध की संज्ञा दी हुई है ऐसे में एक शिक्षक द्वारा मर्यादा को तार तार कर एक छात्र के साथ इस तरह की घटना को अंजाम देना निंदनीय है। ऐसे शिक्षकों को विश्वविद्यालय में रहने का कोई हक - अधिकार नहीं है। ऐसे शिक्षकों को तुरन्त विश्वविद्यालय से बाहर किया जाना चाहिए। उक्त घटना के बाद विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के बीच भय का माहौल बना हुआ है।
उक्त शिक्षक पर कार्यवाही हुई तो विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के बीच भय का माहौल खत्म होगा और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति भी नही होगी। अगर ऐसे शिक्षक को विश्वविद्यालय से बाहर नहीं किया जाता है तो आजसू छात्र संगठन छात्रहित में उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी। जिसकी साड़ी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की होगी। इधर ज्ञापन सौंपने के बाद कुलसचिव ने छात्रों को आश्वस्त किया कि इस विषय पर जांच किया जाएगा एवं उचित कार्रवाई की जाएगी। मौके पर जगत मुरारी, निशा, आयुषी, दिव्या, मनीषा, तान्या आशुतोष सिन्हा प्रेम, रित्विक, पुरुषोत्तम, विकास, सागर, गौरव, आयुष, मोंटी, रोहित, सोनू, मुकेश, अतुल, गौरव झा, शिवम आदि छात्र उपस्थित थे।
चांडिल से भास्कर मिश्रा की रिपोर्ट।
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