बच्चों द्वारा देर शाम इस तरह की भेजे मैसेज पढ़कर उनके घरवालों के होश उड़ गये। सभी के परिवार वाले पहले तो इसे मजाक समझ यहा वहां ओर उसके दोस्तों के घर खोजने गए और जब पता चला कि सही में चारों बच्चें एक साथ भाग निकले है एंव उनके द्वारा किए गए मैसेज सही है। तब उनके हाथ पांव फूलने लगे, सभी बच्चें नाबालिक होने के कारण चिंता और बढ़ गई कि उन बच्चों के एक गलती से कही कुछ अनहोनी या घटना न घटित हो जाय। इसलिए सभी बच्चों के घरवाले देर शाम चांडिल थाना पहुंचे तथा थाना प्रभारी अजीत कुमार को सारी बातें बतायीं।
जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी ने मामले की गभीरत को समझते हुए अपने सभी जरूर कार्य छोड़ बच्चों के सकुशल रेस्क्यू में जुट गए एंव सबसे पहले थाना प्रभारी अजीत कुमार ने टेक्निकल सेल की मदद से बच्चों का लोकेशन ट्रेस करवाया मगर कुछ देर बाद-बाद बच्चों की लोकेशन बदल जा रही थी। थाना प्रभारी ने सूझबूझ से काम लिया और उन्हें समझते देर नही लगी की बच्चें ट्रेन से सफर कर रहे है और बंगाल की और जा रहे, फिर उन्होंने जमशेदपुर ओर चांडिल से ट्रेस लोकेशन के अनुसार कोन-कौन की ट्रेन चलती है का पता लगाया जिससे पता चला कि टाटा से पैसेंजर ट्रेन से सभी बच्चें निकलने है। इसके बाद अगली स्टोपेच यानी खड़गपुर स्टेशन का पता लगाकर वहां के आरपीएफ से संपर्क कर उन्हें मामले की जानकारी दी एंव सभी बच्चों के फोटो, नाम, पता भेजे।
जिसके बाद खड़गपुर आरपीएफ ने घर से भागे सभी नाबालिग बच्चों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया तथा इसकी जानकारी तत्काल चांडिल थाना प्रभारी को दी। इस तरह चांडिल थाना प्रभारी अजीत कुमार की तत्परता से सूचने मिलने के मात्र दो घण्टे के अंदर मामले को सुलझा लिया गया एंव एक अप्रिय घटना होते होते टल गई।
इधर चांडिल थाना में बच्चों के खड़कपुर स्टेशन पर सफलतापूर्वक रेस्क्यू का मैसेज आते ही सभी बच्चों के परिजन रात को ही खड़गपुर के लिए रवाना हो गये। इस संबंध में थाना प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि चारो नाबालिग बच्चों के घर से भागने की सूचना मिली जिसमे सभी के उम्र 12 से 15वर्ष के बीच है। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल बच्चों को ट्रेस करते हुए बच्चों को खड़गपुर स्टेशन पर आरपीएफ की मदद से पकड़ लिया गया है, सभी बच्चें सुरक्षित हैं।


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