फेक न्यूज़ के शिकार हुए चांडिल सीओ, सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले सुधर जाए-एसडीओ

प्रेसवार्ता करते एसडीओ, चांडिल।

चांडिल (भास्कर मिश्रा) : अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि चांडिल सीओ फेक न्यूज़ के शिकार हुए है। जबकि मामला पूरा ही विपरीत है। उन्होंने बताया कि सीमांकन वाले भूमि में 4 प्लॉट है। जिसमे दो प्लॉट संख्या *1232, 1233* खतियानी रैयत *नरेंद्र नाथ मित्र है।* जो कि *आदिवासी नहीं* है। वही प्लॉट संख्या *1239 एवं 1240* के *ख़ातियानी रैयत -वी0 आर0 इ0 स्टबस एवं ओ0 स0 डिसूजा है।* और यह भी *आदिवासी नहीं* है।

आगे जानकारी देते हुए एसडीओ ने बातों का जिक्र मुकदमा संख्या 2108 सन 1964 सीएनटी एक्ट की धारा 90 के आलोक में दिया गए आदेश में भी दर्ज है। इस तरह उक्त दोनों ख़ातियानी रैयत के वंशजो से वर्तमान रैयत *सविता महतो पिता मानिक चंद्र महतो ने 2010 ईस्वी में उक्त भूमि को क्रय* किया। जो कही से भी गलत नही है।
एसडीओ रंजीत लोहरा ने बताया कि *19 जुलाई 2022 को विधि व्यवस्था* संधारण हेतु उक्त भू-खंड पर CO चांडिल वरीय दंडाधिकारी, CI चांडिल दंडाधिकारी, थाना प्रभारी कपाली, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी उपस्थित थे। सीमांकन कार्य शांतिपूर्वक चल रहा था। तभी एक व्यक्ति जिनका नाम *बलराम महतो* है। नशे की हालत में गाली गलौज करते हुए भूखंड पर आ गए। एंव कार्य वाधित करने लगे। जब उनको पकड़ के हटाने के क्रम में वह इधर-उधर भागने लगे। जोकि वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है। उन्होंने आगे बताया कि भागने के क्रम में वह व्यक्ति CO चांडिल के करीब से गुजरा। तो सीओ ने उसे पकड़ने की कोशिश की पर वह छुड़ाकर धक्का देते हुए भागने लगा। तो उक्त व्यक्ति को धक्का देते हुए सीओ ने भूमि से बाहर किया। जो कि *वीडियो में देखा* जा सकता है। इसी वीडियो के *एक अंश को निकाल कर दुष्प्रचार किया जा रहा है।*
जबकि उपरोक्त बातों से यह स्पष्ट है कि खतियान आदिवासी का नहीं है ना ही कोई आदिवासी व्यक्ति वहाँ था। साथ ही उस वक्त *वहां मौजूद  पुलिस प्रशासन ने विधि व्यवस्था बनाने के लिए के लिए जो करना था वही किया ।*
एसडीओ ने प्रेसवार्ता के दौरान सवाल करने के लहजे से जानना चाहा कि क्या *कोई रैयत अपनी खरीदगी जमीन पर कानूनी रूप से कोई कार्य नहीं कर सकता है ?* और अगर इसमें विधि-व्यवस्था कायम रखने को दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी का मदद लेता हैं तो, उनके विरुद्ध *दुष्प्रचार कर* उनके भी मनोबल को गिराया जाता है। उन्होंने शंका जाहिर करते हुए कहा कि इन प्रकरण से पता चलता है कि *भू माफिया और जमीन दलाल का मनोबल कितना बढ़ता जा रहा है*
वही सख्त लहजे में एसडीओ ने कहा कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ चलाने वाले सुधर जाय वरना उन्हें चिन्हित किया जा रहा उनके एडमिन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



Post a Comment

0 Comments