चांडिल (भास्कर मिश्रा) : पितकी और जामडीह रेलवे फाटक के पास सड़क का खस्ताहाल होना यह कोई नई बात नही, हर साल बरसात के मौसम आते आते सड़क जर्जर हो जाते है। यही नही हल्की बरसात में NH32 सड़क की स्थिति तो ऐसी हो जाती मानो मिट्टी की लेइ सड़क पर बिछा दी गई हो और धूप में धूल की मोटी परत बिखरा हो। जिसकारण दो चक्का वाहन तो दूर चार चक्का वाहन चालक भी बेलेंस नही बना पाते जिससे राहगीरों का आना-जाना दुस्वार हो गया है। आलम यह है कि नीमडीह के NH32 सड़क पर आवागमन के नाम से लोगो की रूह कांपने लग जाती है। ज्ञात हो कि नेशनल हाइवे सड़क एंव रेलवे दोनो केंद्र सरकार के अधीन आता है। ओर केंद्र में वर्तमान में बीजेपी की सरकार है बावजूद इसके कुछ बीजेपी नेता अपनी राजनीति चमकाने के नाम पर सिर्फ टेलीफोनिक वार्ता, हवाहवाई वादे, आश्वासन एंव अधिकारियों को आग्रह पत्र दें कर अपनी क्षेत्रीय राजनीति जिंदा रखे हुए है। जबकि स्थिति सरजमीं पे ठीक उसके विपरीत दिन व दिन बद से बदत्तर होती जा रही है। जनता उक्त सड़क से परेशान व बेहाल है वही दूसरी तरफ चांडिल रेलवे स्टेशन पर कई जरूरी ट्रेनों का आवागमन कोरोना काल से बंद है। जिसे क्षेत्रीय नेता के साथ-साथ क्षेत्रीय सांसद, विधायक भी आजतक सिर्फ जनता से आवेदन ले कई बार रेलवे के आला अधिकारियों को आवेदन देने के बाद जनता को आश्वासन की घुट्टी देने एंव हर बार एक नई कहानी गढ़ने का काम करते आ रहे है पर नतीजा सिर्फ "ढाक के तीन पात" ही साबित हुआ है। उसी तरह अब क्षेत्रीय नेता पितकी एंव जामडीह रेलवे फाटक के पास की जर्जर सड़क को लेकर राजनीतिक खेल के तहत रेलवे के साथ टेलीफोन से वार्ता करना एंव पत्राचार-पत्राचार खेलना शुरू कर अपनी राजनीति चमकाने एंव अपने आकाओं को खुश करते हुए, क्षेत्र के प्रभावित जनता को बरगलाने का चाल शुरू कर दी गई है। अब देखना यह होगा कि इसबार भी जनता फोन, आवेदन ओर नेताओ के बीच रहकर पिसती रहेगी या सड़क पर कुछ होगा भी। वैसे भी नीमडीह एंव चांडिल सहित पूरे अनुमंडल क्षेत्र की जनता जर्जर NH32 सड़क और रेलवे स्टेशन पर कई जरूरी ट्रेनों के ठहराव नही होने के बीच फंसकर त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे है।

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