विति रात हाथी ने तोड़ा स्कूल, ग्रामीणों ने कहा वनविभाग बनी मुआवजा देने वाली संस्था

मंगलवार की रात को हाथी द्वारा स्कूल भवन को छति पहुंचाई गई।

चांडिल (भास्कर मिश्रा) : विति रात करीब 10बजे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय कुरली मांझी टोला में एक जंगली हाथी ने खिड़की तोड़कर चावल खाने का प्रयास किया। जबकि किचेन रूम का दरवाजा तोड़कर वहां रखे दाल और सब्जी को खा गया। उसके बाद ग्रामीणों द्वारा हो हल्ला कर हाथी को भगाया गया। आय दिन हाथियों द्वारा गांवों में घर, फसलों एंव स्कूलों को निशाना बनाया जा रहा है। फिर भी वन विभाग मोन एंव मूकदर्शक बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह विभाग सिर्फ मुआवजा देने वाली संस्था बनकर रह गई है बस। कही भी हाथी या हाथियों के झुंड रहने की सूचना वन विभाग को दी जाती है मगर वन विभाग तक पहुंचता है जब कोई घटना घटित हो जाती है। जिससे ग्रामीणों में खासा नाराजगी देखी जा रही है।
वही वन विभाग के पदाधिकारियों का इस संबंध में कहना है कि कई स्थान पर हाथी भगाने के दस्ते है परंतु सटीक जानकारी नही मिलने एंव मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कई जगहो पर नाकामी हाथ लगती है। बता दे कि इंचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख समस्याओं में से एक समस्या हाथी का है जो आय दिन जान-माल को नुकसान पहुंचाता रहता है। इस समस्या के तरफ़ वन विभाग, प्रशासन से लेकर नेताओं तक ने गंभीरता से काम नही किया या आवाज नही उठाई। जिसका खामियाजा ग्रामीण आजतक झेलने को मजबूर है। एक ग्रामीण ने बताया कि अब तो वन विभाग से पर्याप्त मात्रा में ग्रामीणों को टोर्च, बम सहित अन्य सामग्री भी नही दी जा रही जिससे ग्रामीण खुद अपना व गांव का हाथियों से बचाव कर सके। वही इस संबंध में शिक्षकों का कहना है कि स्कूलों में हाथियों के उत्पाद के बाद हमारी मुसीबते बढ़ जाती है। एक तो ऐसे ही शिक्षकों को हर काम मे लगा दिया जाता है इधर स्कूल में तोड़-फोड़ एंव MDM के चावल या राशन को चट कर जाने के बाद उसकी संचालन एंव रख रखाव की सारी जिम्मेदारी शिक्षकों पर आ जाती है। स्कूलों को हाथी निशाना नहीं बनाये इसकी तैयारी वन विभाग को अविलंब करना चाहिए।

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