चांडिल के सुकसारी और गांगुडीह पुनर्वास स्थल के सीमांकन प्रारंभ होने पर विमुवा ने जताई प्रसन्नता, कही यह बात

 


चांडिल : विस्थापित मुक्ति वाहिनी के श्यामल मार्डी एवं वासुदेव आदित्यदेव ने संयुक्त बयान जारी कर सुवर्णरेखा परियोजना प्रशासन के द्वारा सुकसारी एवं गांगुडीह पुनर्वास स्थलों का सीमांकन प्रारंभ किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि विमुवा लंबे समय से यह मांग कर रही थी कि सभी पुनर्वास स्थलों का सीमांकन किया जाए ताकि स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों के साथ कोई विवाद न हो। साथ ही मार्डी एवं आदित्यदेव ने यह मांग किया है कि अन्य पुनर्वास स्थलों का भी जल्द से जल्द सीमांकन किया जाए तथा तथा प्रतीक चिन्ह भी लगाए जाए।

श्यामल मार्डी ने पदाधिकारी से मांग की है कि पुनर्वास स्थलों पर रहने वाले सभी विस्थापितों को आवासीय भूखंड का मालिकाना हक राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जाए, क्योंकि इसके बिना कई प्रकार के प्रमाणपत्रों को बनाने में विस्थापितों को असुविधा हो रही है।

विमुवा प्रतिनिधियों ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है की छोटी-छोटी मांगों के लिए भी विस्थापितो द्वारा समय-समय पर आंदोलन करना पड़ता है। यह सरकार एवं प्रशासन की संवेदनहीनता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि विमुवा कि प्रमुख मांगो में से एक विस्थापित परिवारों को एकमुश्त कृतज्ञता पैकज दिए जाने का भी है।

चांडिल से भास्कर मिश्रा की रिपोर्ट।

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