चांडिल प्रखंड अंतर्गत मुखियाओं द्वारा बिना ग्रामसभा के मनमानी कर की जा रही कार्यो का विरोध शुरू


चांडिल (भास्कर मिश्रा) : चांडिल प्रखंड के दर्जनों मुखिया द्वारा बिना ग्रामसभा के लिए जा रहे एक के बाद एक निर्णय से ग्रामीणों में रोष, जल्द ही बीडीओ से मिलकर करेंगे शिकायत, कई मामलों में जाँच की कर सकते है मांग। बता दे कि मुखिया द्वारा किसी भी विकास कार्यों के संचालन या क्रियान्वयन हेतु ग्रामसभा के माध्यम से उसे पारित करने अनिवार्य है। बावजूद इसके कई मुखिया खुद को ही पंचायत का सरवोसर्वा समझ बिना ग्रामसभा के सारे निर्णय करते जा रहे है। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। बता दे कि चांडिल प्रखण्ड के कई पंचायत तो ऐसे है जहां पंचायत चुनाव के बाद से मुखियाओं द्वारा एक भी ग्रामसभा कराया ही नही गया है। जो खुद चीख चीख कर भ्रष्टाचार की गवाही दे रहा है। ज्ञात हो कि बिना ग्रामसभा के ही कई मुखियाओं द्वारा अपने पँचयतो मे अपने फायदे को देखते हुए धरातल में कई काम खत्म तो कई चालू है और कई कार्य कागजो पर है। वही भेंडरो की साठगांठ तो पूछिये मत। यहां पुराना मुखिया हो या नया मुखिया सबको ट्रेंड कर दिया जा रहा। ग्रामीणों को कहना है कि सरकार सभी मुखिया के विकास कार्य व सुचारू योजनाओं की ऑडिट करवाये साथ ही स्थल जाँच भी करें। वही कुछ जानकर लोगो ने कहा इस स्थिति के लिए आम पब्लिक भी जिम्मेदार है। वह समय रहते अपने हक व अधिकार के लिए आवाज नही उठाते, विरोध नही करते जिसका फायदा आज के कुछ चुरूभुकु मुखिया सब उठा ले रहे है। अब जनता जाग रही है अपनी मनमानी से पीसीसी सड़क निर्माण करना, खेल समिति का चुनाव कर देना, क्षेत्र में डेंगू के प्रकोप के बावजूद मनमर्जी से एक दो जगह छिड़काव कर खाना पूर्ति करना, सौलर जलमीनार निर्माण व मरम्मती जैसे अन्यान्य कार्य नही चलेंगे, अब ग्रामसभा के माध्यम से काम हो वरना इसका विरोध चहुओर से जनता करने को तैयार हो रही है।

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