पहले सिर्फ बंटी था अब तो बबली भी आ गई जनता सावधान रहें ऐसे ठगवाजो से - अमर बावरी, नेता प्रतिपक्ष
घुसपैठियों के कारण झारखंड की ज्योग्राफी बदल रही, आदिवासियों की अस्मिता खतरे में है। आदिवासी होना आदिवासियों के हमदर्द होने का सर्टिफिकेट नही - चंपाई सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री
आज हेमंत सरकार जो वाहवाही ले रही वह सभी योजना (मइया सम्मान, 200यूनिट बिजली फ्री) तो चंपाई सोरेन के पांच महीने की देन है वह तो चार वर्षों तक झूठे आश्वासन ही देने का काम करते रहे व जेल गए ओर वोट काम पर मिलता है, झूठे वादो पर नही- पप्पू वर्मा
चांडिल (भास्कर मिश्रा) : झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आने की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है। वही सत्ताधारी झामुमो की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बड़ी भाभी सीता सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने पार्टी छोड़ी और अब सरायकेला जिला अंतर्गत ईचागढ़ विधानसभा के कद्दावर नेता एंव जेएमएम के केंद्रीय सदस्य पप्पू वर्मा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। वे शुक्रवार को अपने हजारों समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। साथ ही उनके बड़े भाई एंव सेवा ही संकल्प है के संस्थापक राकेश वर्मा ने भी घर वापसी किया। चांडिल के भालूकोचा मैदान में दोनो भाइयों द्वारा आयोजित मिलन समारोह में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, जमशेदपुर सांसद विद्युत महतो, ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह, विधानसभा के प्रभारी और रांची महानगर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष केके गुप्ता की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा। सभी मंचासीन बीजेपी पदाधिकारी ने दोनों भाईयों को अंगवस्त्र भेंट कर पार्टी में शामिल कराया।
भाजपा में शामिल होते ही पप्पू वर्मा का दर्द छलक उठा। उन्होंने मंच से झारखंड मुक्ति मोर्चा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 26 साल जिस को मैंने सींचा उस पार्टी में परिवारवाद हावी है। हम जैसे कार्यकर्ताओं की कद्र नहीं रह गई है। बेहद ही भारी मन से मैंने झारखंड मुक्ति मोर्चा से नाता तोड़ा है। वैसे पप्पू वर्मा ने कहा कि यह अब बीती बात हो चुकी है। अब नए सिरे से नई भूमिका के तहत भारतीय जनता पार्टी के मजबूती के लिए काम करेंगे। उन्होंने मंच से भविष्यवाणी किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को बूथ के लिए भी कार्यकर्ता नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा आज हेमंत सरकार जो वाहवाही ले रही वह सभी योजना तो चंपाई सोरेन के पांच महीने की देन है वह तो चार वर्षों तक झूठे आश्वासन ही देने का काम किए। ओर वोट काम पे मिलता है झूठे वादे व आश्वासन पर नही। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ईचागढ़ विधानसभा सीट से एनडीए का जो भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में होगा उसकी जीत के लिए जी जान लगा दूंगा। तो वही दूसरी तरफ राकेश वर्मा ने कहा कि वह पहले बीजेपी में ही थे विते कुछ वर्षों से वह राजनीति व पार्टी से दूर थे अब घर वापसी कर रहे हैं। वह देश, राज्य व विधानसभा की भलाई चाहते हैं और आज के समय मे बीजेपी से अच्छा कोई दूसरी पार्टी नही जो राजनीति से ऊपर उठकर सोंचे।
जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीयमंत्री एंव पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारत के प्रगति, देश की सुरक्षा, जन जन की विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ है। देश की जनता लगातार भाजपा के कार्यशैली से प्रभावित हो कर इनसे जुड़ने का काम कर रही है। इसलिए तो बीजेपी आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा की सरकार राज्य को प्रगति के पथ पर ले जा रहा था। आज हेमंत सोरेन सरकार झारखंड को विनाश के पथ पर पहुंचाया दिया है। उन्होंने कहा कि आज चांडिल में पंद्रह हजार समर्थकों के साथ राकेश वर्मा व पप्पु वर्मा ने भाजपा में शामिल होकर ईचागढ़ विधान सभा में पार्टी के मजबूती को दर्शाया।
वहीं मंच से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने एक बार फिर से जेएमएम व कोंग्रेस सरकार पर निशाना साधा और बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले पर अपना स्टैंड क्लियर किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ हुआ है यह एक समस्या बन गया है। संथाल परगना में आदिवासियों के अस्तित्व संकट में है। अब एक लड़ाई उन घुसपैठियों को खदेड़ने की लड़ाई लड़नी होगी। हमारे पूर्वजों के बलिदान से संथाल परगना बना। मगर आज वहां सरकार के संरक्षण में बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है। हमारी माताएं- बहनें व जमीन सुरक्षित नहीं हैं। जिसे सिर्फ बीजेपी सरकार बचा सकती है। बीजेपी ने ही झारखंड दिया, आदिवासी मिलवासी को सम्मान दिया ऑलचिकि भाषा को आठवींअनुसूची में जोड़ने का काम भी बीजेपी सरकार ने किया और अब आगे भी झारखंड को बीजेपी सरकार ही सजा व सवार सकती है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से कहा कि जिस पार्टी को हमने सींचा मुझे वहां सम्मान नहीं मिला। इसी वजह से मैंने पार्टी से किनारा किया है। अब भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र विकल्प बच गई है। यही पार्टी है जो आदिवासी- मूलवासियों के हितों की रक्षा कर सकती है। हर हाल में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा पूरे राज्य में जीत का परचम लहराने जा रही है।
इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी ने कहा कि आज झारखंड लूट खसोट की जगह बनके रह गई है। इनके लिए परिवार ही सर्बोपरी है। वे कहते हैं की वे आदिवासी है लेकिन उनके राज में ही आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार सबसे ज्यादा हुए, धर्मान्तरण हुआ, बालू की काला बाजारी हुई, पुलिस को पुलिस से पिटवाया गया, 2019 के चुनाव में जो वादे किए सब खोखले निकले, आज भ्रष्टाचार चरम पर है। यह हत्यारों की सरकार है उत्पाद सिपाही बहाली में सरकार की मनमानी रवैये के कारण 18 मासूमो की जान चली गई ओर इनका दिल नही पशिचा, अभी हाल ही में हुए परीक्षा में दो दिनों तक इंटरनेट सेवा बन्द कर मलाई पीने की भरपूर कोशिश इस सरकार ने कड़ी। बावरी ने कहा भ्रष्टाचार के आरोप में ही राज्य का मुख्या जेल तक गया। पर अबतो ओर सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि पहले तो सिर्फ बंटी था अब तो उसका साथ देने बबली भी आ गई है।
वही सांसद विद्युत वरण महतो ने मंच से कहा कि हेमंत सोरेन सरकार से चांडिल डैम के पानी से अनुमंडल क्षेत्र में सिंचाई करने का मांग किया गया था लेकिन नहीं किया। विस्थापितों को नौकरी, रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा सुविधा आदि नहीं मिल रहा है। इतने ही हितैसी थे तो नोकरियों में विस्थापितों को आरक्षण क्यों नही दे दिया। उन्होंने कहा चुनाव के समय हेमन्त बाबू ने हर साल पांच लाख नौकरी, एंव बेरोजगारों को पांच से सात हजार रूपये देने का झूठे वादे किया था। वह सभी खोखले निकले इसलिए इस बार जेएमएम के झूठे जाल में मत फसना। ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र क्रांतिकारियों का माटी है। यहाँ के जनता से आग्रह है आगामी चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट डाल कर विकास की क्रांति लाने का अवसर दें।
वही इंचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने इंचागढ़ को बीजेपी की परम्परागत सीट बताते हुए इसारो ही इसारो में बीजेपी को ही सीट देने की बात कही। ओर डंके की चोट पर बीजेपी प्रत्याशी की जीत का दावा किया। इस अवसर पर विनोद राय, जिला उपाध्यक्ष खुदी सिंह सरदार, जिला प्रभारी सुबोध सिंह गुड्डू, ईचागढ़ विधान सभा प्रभारी के के गुप्ता, जटा शंकर पाण्डेय, महेश कुंडू, अनिता पारित, सारथी महतो, सरदीप नायक, रामकृष्ण महतो, चंद्र मोहन दास, दिवाकर सिंह, प्रभात कुमार पोद्दार, मदन सिंह सरदार, नितेश तिवारी, भोलानाथ सिंह आदि उपस्थित थे।




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