चांडिल (भास्कर मिश्रा) : इंचागढ़ विधानसभा क्षेत्र चुनाव की तिथि नजदीक आते आते एक अलग ही मोड़ लेता जा रहा है। एक ओर जहां इस बार का मुकाबला त्रिकोणीय से पंचकोणीय होता जा रहा वही दूसरी ओर महागठबंधन एंव एनडीए गठबंधन की मुसीबतें कम होने का नाम नही ले रही है। जनता जहाँ महागठबंधन से वर्तमान जेएमएम विधायक सबिता महतो से उनके किए काम का हिसाब मांग रही है तो वही एनडीए प्रत्याशी हरेलाल महतो से बाहरी-भीतरी एंव जात-पात से ऊपर उठकर क्षेत्र में विकास का क्या विजन है उसपर सवाल कर रही है। इतना ही नही मुख्यतः दो निर्दलीय उम्मीदवार जिसमे से भाजपा से बाहर हो चुनाव लड़ रहे मलखान सिंह एंव जेएमएम को ढेंगा दिखार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे सुखराम हेम्ब्रम भी मजबूती से ताल ठोक रहे है। जिनका क्षेत्र में मजबूत पकड़ भी एक अलग ही कहानी बयां कर रहा है। और जनता भी उनको अनदेखा करने के मूड में दिखती नजर नही आ रही है। दूसरी ओर लोकसभा में एक मजबूत उपस्थित दर्ज करा चुके जेलकेएम पार्टी का प्रत्यासी को भी हलके में नही लिया जा सकता है। इस तरह इसबार मतदाताओं की माने तो काफी हदतक इंचागढ़ विधानसभा चुनाव का परिणाम निर्दलीय की ओर घूमता नजर आ रहा है। वही दूसरी ओर चौकाने वाले परिणाम से भी इंकार नही किया जा सकता है। इधर, आजसू पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी एनडीए प्रत्याशी की मनमानी एंव अनदेखी का आरोप लगा बाहर का रास्ता देखते नजर आ रहे है। कइयों ने तो इस्तीफा देकर अन्य दलों का दामन भी थाम लिए है। तो कई नेता पदाधिकारी साथ छोड़ जाने की लाइन में है। कुल मिलाकर इसबार का विधानसभा चुनाव पंचकोणीय बनता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि 23 नवंबर 2024 को परिणाम किसके पक्ष में आ रहा है।

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